SAMKALIN HINDI UPANYASON ME AADIWASI JIVAN


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About The Book

डॉ. रवि शंकर शुक्ल की पुस्तक ‘समकालीन हिंदी उपन्यासों में आदिवासी जीवन : विविध आयाम’ बिलकुल सहज और सरल भाषा में आदिवासी जीवन पर लिखी गयी अनुपम पुस्तक है | लेखक ने आदिवासी जीवन के विविध आयामों के चित्र तो खींचे ही हैं उनकी संस्कृति को भी चित्रित करने का सार्थक प्रयास किया है| आदिवासियों के रहन-सहन उनका खान-पान उनकी भाषा उनकी शिक्षा उनके कार्य उनकी जीवन शैली और आदिवासी जीवन के अनेक पहलुओं को प्रस्तुत पुस्तक में जीवंतता प्रदान की है | पुस्तक में आदिवासी जीवन पर लिखे उन तमाम उपन्यासों की भी चर्चा हुई है जिनकी महनीयता आज भी बरकरार है साथ ही आदिवासी जीवन के उन तमाम अस्मिता से जुड़े प्रश्न भी उठायें गये हैं जो उनकी पहचान हैं | आदिवासी जीवन के सामाजिक धार्मिक आर्थिक राजीनीतिक एवं सांस्कृतिक जीवन का वर्णन बहुत ही वखूबी से कियागया है | डॉ. शुक्ल ने आदिवासी जीवन से जुड़े पर्यावरण पर भी बड़ी गंभीरता से चर्चा करते हुये उस पर चिंता व्यक्त की है | आदिवासी जीवन में पर्यावरण का क्या महत्त्व है और उसकी रक्षा कैसे हो सकती है उसे हमें कैसे संरक्षित करना है इस पर लेखक ने बड़े मनोयोग से चर्चा की है | आदिवासी समाज के विभिन्न पक्षों जैसे शिक्षा समाज धर्म राजनीति एवं संस्कृति में पहले और आज में कितना बदलाव व विकास हुआ है इस पर भी लेखक ने प्रकाश डाला है | विश्लेषणात्मक एवं आलोचनामक शैली में पुस्तक की भाषा बिलकुल सहज और सरल है | डॉ.प्रकाश त्रिपाठी
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