‘सम्यक्त्व कौमुदी’ यह संस्कृत भाषा का एक प्राचीनतम ग्रन्थ है। पञ्चतन्त्र की कहानियाँ इसी ग्रन्थ की शैली में लिखी गई हैं। इस ग्रन्थ को परम श्रद्धेय श्रुताराधक सन्त क्षुल्लक श्री 105 प्रज्ञाशंसागर जी महाराज ने अपने कठिन उद्यम तीक्ष्ण बुद्धि और ज्ञानमयी लेखनी से हिन्दी व अंग्रेज़ी भाषाओं में परिणत करा कर आप तक पहुँचाने का सफ़लतम प्रयास किया है। प्राचीन संस्कृत भाषा के ग्रन्थ को सरल कर प्रस्तुत करने से आने वाली पीढ़ियों के लिए यह एक अनुपम भेंट साबित होगी। यह कृति जीवनोपयोगी सुभाषितों नीति वाक्यों और कहानियों से सुसज्जित है। जिसके अध्ययन-मनन से अनुपम सुख का अनुभव होता है एवं आगे क्या होने वाला है इसको जानने की तीव्र उत्कण्ठा ग्रन्थ को निरन्तर पढ़ने की प्रेरणा देती है। इसके हर वाक्य में जीवन को ऊँचाइयों तक ले जाने का गूढ़ रहस्य निहित है।
Piracy-free
Assured Quality
Secure Transactions
Delivery Options
Please enter pincode to check delivery time.
*COD & Shipping Charges may apply on certain items.