Sanatan Pooja Vidhi (सनातन पूजा विधि)
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About The Book

हिन्दू सनातन धर्म विश्व में प्रचलित सभी धर्म-सम्प्रदायों में सबसे प्राचीन है। सनातन का अर्थ है अनादि और अनन्त जिस प्रकार ईश्वर अनादि और अनन्त है । उसी प्रकार सनातन भी अनादि और अनन्त है। श्रीराम और कृष्ण की सत्ता के पहले भी सनातन धर्म विद्यमान था। भगवान विष्णु के चौबीस अवतारों के पहले भी और वेदवाणी के प्रकट होने के पहले भी सनातन धर्म अस्तित्व में था अतः कोई भी व्यक्ति सनातन धर्म कब प्रारम्भ हुआ किसने प्रारम्भ किया? इसका प्रवर्तक कौन था ? इसकी सही तारीख - तिथि नहीं बता सकता!<br>संसार में अन्य जितने भी मत-मतान्तर धर्म-सम्प्रदाय हैं उनके प्रवर्तक हैं जन्मदाता हैं उनके प्रारम्भ होने की तारीख एवं अन्त (समाप्त) होने की घोषणाएं भी हैं। जबकि हिन्दू सनातन धर्म आदि और अन्त से रहित है। कोई व्यक्ति विशेष इसका प्रचारक प्रवर्तक नहीं रहा अतः इसकी श्रेष्ठता प्राचीनता एवं सार्वभौमिकता स्वयंमेव ही स्वतः सिद्ध है।
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