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About The Book
Description
Author
13-11 13-11 मात्राओं से बँधा चार चरणों का स्वतंत्र छंद दोहा है जिसके दूसरे व चैथे चरण का अंत लघु से होता है। दोहे की अपनी लय है अपना प्रवाह है अपनी व्याकरणीय व्यवस्था है जिसमें बँध कर वह पूरी तरह से चुस्त-दुरूस्त रहता है उसकी गेयता बढ़ जाती है। मात्राओं की गणना भले ही सही हो किंतु शब्दों के व्यर्थ के भटकाव से दोहा-छंद की लय भंग हो जाती है। बहुत से विद्वान दोहाकार संग्रहों एवं दोहा-संकलनों के माध्यम से दोहा से संबंधित बहुत-सी जानकारियाँ समय≤ पर देते रहे हैं। यहाँ मैं और अधिक विस्तार दे स्वयं को सिद्ध दोहाकार की श्रेणी में लाने का प्रयास कद्यपि न करूँगा। बहुत कुछ सीखना है मुझे अभी। ‘सन्नाटों का शोर’ के रूप में यह मेरा पहला दोहा-संग्रह है जिसमें कुल 700 दोहे संगृहित किये गये हैं। प्रयास यही रहा है कि अपने चुनिंदा दोहे ही संग्रह के रूप में प्रस्तुत करूँ। फिर भी अनजाने हुई असावधानी के कारण भाषागत अथवा व्याकरणीय त्रुटि संभव है। आप सुधी पाठक हैं। अतः कमियों को पाठकीय नज़्ार से इंगित कर उचित सुझाव दें ताकि भविष्य के लिए उन्हें सुधारा जा सके। सदैव की भाँति आपके सकारात्मक सुझावों की प्रतीक्षा रहेगी।