वर्ष 2019 में संपन्न हुए 17वीं लोकसभा चुनाव के दौरान हमेशा की तरह कुछ रिकॉर्ड भी बने इसमें जिस चीज़ ने सारी जनता का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित किया वह था चुनाव संपन्न होने के बाद 78 महिलाओं का बतौर सांसद निर्वाचित होकर संसद में पहुँचना। बेशक यह भारत के लोकसभा चुनाव के इतिहास में एक ऐतिहासिक घटना थी जब इतनी तादाद में भारतीय महिलाओं ने संसद में अपनी उपस्थिति दर्ज की थी। हालाँकि इनमें कुछ महिलाएँ घर की दहलीज़ से निकल कर लोकसभा के मंदिर तक पहुँची और अपनी काबिलियत सिद्ध की। निःसंदेह संसद तक पहुँचना आसान नहीं है लेकिन 17वीं लोकसभा चुनाव के दौरान हमें स्त्री शक्तियों की ख़ासियत से रूबरू होने का परिचय मिला। एक साथ 78 महिलाओं के सांसद के रूप में निर्वाचित होकर अपनी प्रतिभा के दमक के साथ संसद में कदम रखे। यह कोई सामान्य बात नहीं है बल्कि पुरुष प्रधान भारतीय समाज में महिलाओं द्वारा प्राप्त की गई एक अविस्मरणीय सफलता है। यह ख़ूबसूरत किताब 2019 के लोकसभा चुनाव में संसद पहुँचनेवाली सभी महिला सांसदों की सफलता की अविस्मरणीय घटना का चित्रण है। इसमें उनके जीवन के शुरुआती दौर से लेकर सफलता प्राप्त करने तक की सभी घटनाओं का ज़िक्र किया गया है साथ ही वे जिस क्षेत्र से सांसद बनी हैं उसका भी ब्यौरा दिया गया है। इस पुस्तक की लेखिका दोयल बोस झारिया के अनुसार हमेशा ही ऐसा होता रहा है कि बहुत सारे लोग जो अपनी काबिलियत के दम पर अपना एक मुक़ाम हासिल करते हैं कई बार उनकी सफलता की कहानियाँ कोई नहीं जानता और वे अपनी अनकही कहानियों के साथ ही अप्रकाशित इतिहास में गुम हो जाते हैं।
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