Sanskriti Aur Samvedna

About The Book

संस्कृति और संवेदना: यह पुस्तक संस्कृति के विविध आयामों और मानवीय संवेदनाओं के गहरे संबंधों को उजागर करती है। यह हमें सिखाती है कि कैसे हमारी संस्कृति हमारे सोचने महसूस करने और दुनिया को समझने के तरीके को आकार देती है। यह सिर्फ एक सैद्धांतिक विश्लेषण नहीं बल्कि अनुभवों विचारों और भावनाओं का एक संगम है जो पाठक को अपनी सांस्कृतिक जड़ों और मानवीय अस्तित्व की गहराई पर विचार करने के लिए प्रेरित करती है। इस रचना में लेखिका ने आत्म-पहचान रिश्ते अभिव्यक्ति माता-पिता बचपन जैसे विभिन्न पहलुओं के साथ-साथ बसंत पंचमी वट सावित्री व्रत अक्षय तृतीया आदि जैसे धार्मिक पहलुओं पर अपने विचार प्रस्तुत किए हैं। इस पुस्तक में कुल 10 विभिन्न विषयों पर विचार व्यक्त किये गए हैं। प्रत्येक विषय को पाठकों की रुचि के अनुसार गद्य एवं पद्य में संकलित किया गया है। संक्षेप में यह रचना गद्य और पद्य का सुंदर मिश्रण है। यह पुस्तक मंत्रमुग्ध कर देने वाली रचनाओं का एक अच्छा संग्रह है जो आपको आनंदमय दुनिया शिक्षा प्रेम परंपराओं संस्कृति बड़ों के प्रति सम्मान और त्योहारों की यात्रा पर ले जाएगी। इस पुस्तक का हर शब्द सादगी सरलता और भावनाओं के सागर में डूबा हुआ है।
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