Sansmaran


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About The Book

लिखने का शौक बचपन से ही था । बरेली कालेज में जब M.A. में पढ़ती थी तभी पवित्र प्यार उपन्यास और सरिता मिल गई । सागर से कहानी लिखी थी जो प्रकाशित नहीं हो पाई थी उस समय । उसके बाद दो उपन्यास “हम दोनों के लिये” और “सिसकती झेलम” प्रकाशित हुये तथा “बन्दर चला शहर की ओर” बाल उपन्यास प्रकाशित हुआ । लगभग 40 या इससे अधिक छोटी-बड़ी कहानियाँ भी लिखीं जो निरन्तर प्रमुख समाचार पत्रों और पत्रिकाओं में प्रकाशित हुईं और फेसबुक पर लगातार पोस्ट करती हूँ । अनेकों कविताएँ एवं लेख भी प्रकाशित हुए । कई वर्ष “पटेल टाइम्स” मासिक पत्रिका का सफल संचालन किया । यह पत्रिका आदरणीय राजकुमार सचान होरी एवं उनकी पत्नी श्रीमती कुसुम सचान निकालते थे । लेकिन लगा कि इतना सब लिखने के बाद जिन्होनें पाला-पोसा जन्म दिया उनके लिये कुछ भी नहीं लिखा । इस भावना की पूर्ति के लिये स्वर्गीय पिता जी श्री चेत राम गंगवार जी के राजनैतिक जीवन की उथल-पुथल को व्यक्त करने वाले ग्यारह संस्मरणों को लिखा । उथल-पुथल इसलिये कि वह आमतौर पर होने वाले नेताओं से हट कर थे । सत्य की और जनता की भलाई की कसम ऐसी खाई कि मरते दम तक इसे निभाया । उनके कई संस्मरण परिवर्तन साहित्यिक मंच ने अपनी वेबसाइट में पब्लिश किये हैं ।
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