सप्तसरोज – प्रेमचन्द की सात कालजयी कहानियाँ प्रेमचन्द का कहानी-संग्रह सप्तसरोज (1917) हिंदी साहित्य की अमूल्य धरोहर है। इसमें सात कहानियाँ शामिल हैं जो भारतीय समाज के यथार्थ मानवीय संवेदनाओं और नैतिक मूल्यों को अत्यंत सरल किन्तु गहरे प्रभावशाली रूप में प्रस्तुत करती हैं। 1. बड़े घर की बेटी – सामाजिक अहंकार और रिश्तों की सच्चाई को उजागर करती कहानी। 2. सौत – ईर्ष्या द्वेष और स्त्री के अंतर्द्वंद्व का मार्मिक चित्रण। 3. सज्जनता का दंड – भलेपन और नैतिकता के विडंबनापूर्ण परिणामों की कथा। 4. पंच परमेश्वर – निष्पक्ष न्याय और कर्तव्यनिष्ठा का अद्वितीय चित्रण। 5. नमक का दारोगा – भ्रष्टाचार और ईमानदारी के संघर्ष की कालजयी कहानी। 6. उपदेश – आदर्श और व्यवहारिक जीवन के बीच द्वंद्व को दर्शाती रचना। 7. परीक्षा – मानव चरित्र की असली पहचान कठिन परिस्थितियों में कैसे सामने आती है इसका सशक्त चित्रण। इन कहानियों में प्रेमचन्द ने आम आदमी के जीवन उसके संघर्ष रिश्तों और समाज की बारीकियों को जिस यथार्थ और सरलता से व्यक्त किया है वही उन्हें कालजयी बनाता है। सप्तसरोज न केवल कहानियों का संग्रह है बल्कि भारतीय समाज का जीवंत दर्पण है।
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