जब से कलम चलनी शुरू हुई उसके बहुत अर्से बाद मेरी पुस्तक ‘सरसती शायरी से फूल और कांटे’ हमारे हाथों में है। हालाकि इस पुस्तक के प्रकाशन से पूर्व मेरी दो पुस्तक ‘अभिनन्दन भजन मुक्तावली’ व ‘गुरूवर कृपा प्रसाद’ संकलन व आत्मानुभूति रूप में हमारे प्रातःस्मरणीय परम श्रद्धेय तुलसीपीठाधीश्वर जगद्गुरू रामानन्दाचार्य स्वामी श्री रामभद्राचार्य जी की अकारण करूणास्वरूप प्रकाशित हो चुकी हैं।लेखन कार्य कोई व्यवसायिक कार्य नहीं यह सीधे-सीधे आत्मिक संतोष और सामाजिक संदेश प्रसारित करने का महत्वपूर्ण माध्यम है। पुस्तक की सफलता या असफलता कुछ हद्द तक पुस्तक के प्रचार-प्रसार पर निर्भर करती है लेकिन मुख्य रूप से पुस्तक लेखन की गुणवत्ता व दिये गये संदेश की सार्थकता से सामाजिक उद्देश्य की पूर्ति हो तो लेखन की सफलता का मानक तय होता है।मुझे पूर्ण आशा है आप सुधी पाठकों को मेरी यह पुस्तक अच्छी लगेगी मानव त्रुटियों का पुतला हैहो सकता है मेरी रचनाओं में त्रुटियां होंगी ही त्रुटियों के लिए आप सुधीजन क्षमा करेंगे आपसे विनम्र करबद्ध निवेदन है आप गुणीजन मुझे त्रुटियों से अवगत करायेजिससे आने वाली और रचनायें परिष्कृत रूप ले सकें।आपकी प्रतिक्रियाएं मुझे आगे और सकारात्मक लिखने को प्रेरित करेंगी।
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