स्वतंत्रता संग्राम काल से भारत की स्वाधीनता के बाद तक सरदार पटेल ने जनहित समाज हित और अंततः राष्ट्रहित में जो कुछ भी किया वह अपने आप में आने वाली पीढ़ी के लिए अनुकरणीय बनता गया। उनके अटल इरादों व अदम्य साहस के लिए उन्हें 'लौह पुरुष' कहा जाने लगा।<br>वह व्यक्ति जो हर परिस्थिति में अपने संकल्पों के प्रति दृढ़ हो अटल हो अडिग हो; वह व्यक्ति जो परिस्थितियों को अपने अनुरूप ढालना जानता हो और उनसे घबराए बिना अपना संघर्ष जारी रखना जानता हो; वह व्यक्ति जो अदम्य साहस का धनी हो और जो ठान ले उसे पूरा करके ही दम ले लौह पुरुष हो सकता है। सरदार पटेल में ये सभी गुण मौजूद थे।<br>जिसने विविधता में एकता की परिकल्पना से<br>एक भारत का मान बढ़ाया।<br>जिसने भारत की एकता को<br>विश्व पटल पर दर्शाया।<br>आओ नतमस्तक हो उन पर श्रद्धा सुमन चढ़ाएँ।<br>भव्य प्रतिमा निर्माण पर अपनी भागीदारी निभाएँ।
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