*COD & Shipping Charges may apply on certain items.
Review final details at checkout.
₹244
₹265
7% OFF
Paperback
All inclusive*
Qty:
1
About The Book
Description
Author
एक साथ पहली बार एक किताब में एक पाकिस्तानी और एक हिन्दुस्तानी शायर की ग़ज़लें इस किताब में एक साथ दो ऐसे नामी शायरों एक पाकिस्तानी शायर और एक हिन्दुस्तानी शायर के कलाम प्रस्तुत हैं जिनकी शायरी में आधुनिकता की झलक मिलती है। पाकिस्तान के सऊद अशरफ़ उस्मानी की शायरी के बारे में मशहूर शायर अहमद नदीम क़ासमी साहब का कहना है कि जब ग़ज़ल विधा से ऊब चुके लोग मुझसे ये कहते हैं कि अब इस विधा में कहने को कुछ नहीं रहा तो मैं उनको मश्वरा देता हूँ कि वो सऊद उस्मानी को पढ़ लें क्योंकि उसने ग़ज़ल के जिस्म में नयी जान फूँकी है। मैं उन्हें बताता हूँ कि सऊद अशरफ़ उस्मानी केवल आधुनिक ग़ज़लकार ही नहीं हैं बल्कि उससे भी आगे की चीज़ हैं। वहीं अगर हिन्दुस्तान के रऊफ़ रज़ा की शायरी की बात की जाये तो उनकी शायरी में आधुनिकता परम्परा के साथ दाख़िल होती है। रऊफ़ रज़ा सिर्फ़ नींद की ख़ातिर नहीं सोना चाहते वो अच्छे ख़्वाबों का चुनाव भी करना चाहते हैं। वो फूलों से बात करते हुए गुलाबों की काश्त करते हुए उस मक़ाम पर पहुँचते हैं जहाँ शायर ज़िन्दगी और बन्दगी का रहस्य खुद ही नहीं समझते बल्कि अपनी शायरी के ज़रिए पाठकों को समझाने में भी कामयाब होते हैं। इन दोनों शायरों की ग़ज़लें अभी तक उर्दू में ही है अब पहली बार इनकी ग़ज़लें देवनागरी में