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About The Book
Description
Author
शरतकथा की यह तीसरी पुस्तक है। इस संग्रह में पाँच कहानियाँ हैं जिनमें बालकों का चोर कहानी शरतबाबू की बचपन की कहानियों में से ली गई है। सती दर्पचूर्ण अँधेरे में उजाला तथा *अनुपमा का प्रेम उनकी सुप्रसिद्ध कहानियाँ हैं। शरतबाबू की अन्य बड़ी कहानियाँ हिंदी में स्वतंत्र पुस्तकों के रूप में अलग-अलग प्रकाशित हो चुकी हैं। इस कथा-माला का उद्देश्य उनकी छोटी-छोटी कहानियों को मूल बँगला से अक्षरश: अनूदित एवं संकलित कर हिंदी-पाठकों तक पहुँचाना मात्र था अतः यह सीरीज इस पुस्तक सती के साथ यहीं समाप्त हो रही है। आशा है शरतकथा-माला की तीनों पुस्तकों-- अभागी का स्वर्ग विलासी एवं सती को पाठक स्नेहपूर्वक अपनाएँगे।