Saugandh Hai Teri


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About The Book

About the author- The Author of this book is Mr Sandeep Mehta. This is his debut book was written when he was struggling with his physical and mental illness for 6 years. About the book- This book is a collection of Patriotic motivational and philosophical poems with suitable examples and short stories. सौ रातें मैंने जागी है तब जाकर जीवन भान किया। पहले आया विष का प्याला तब जाकर अमृत पान किया। घड़ियों की टिक-टिक तानों ने आहों को अलग-सा राग दिया। धड़कन की बढ़ती हुई गति ने तनिक नहीं आराम दिया। सन्नाटों से भरी हुई महफिल में मैंने अश्रु स्नान किया। पहले आया विष का प्याला तब जाकर अमृत पान किया। मखमल की बिछी हुई बिस्तर पर करवटें बदलना भारी था। कभी उठना था कभी बैठना था पर पैर पटकना जारी था। उस काली अंधेरी रातों में मैंने नर्क पहचान किया। पहले आया विष का प्याला तब जाकर अमृत पान किया।
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