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About The Book
Description
Author
स्वातंत्र्यवीर विनायक दामोदर सावरकर (1883-1966) बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी महान् स्वतंत्रता सेनानी समाज-सुधारक लेखक कवि इतिहासकार राजनीतिज्ञ और दार्शनिक थे। वीर सावरकर के सामाजिक और धार्मिक सुधारों के विचार आधुनिक सोच वैज्ञानिक और तकनीकी साधनों को अपनाना इत्यादि बातें 21वीं सदी में भी प्रासंगिक हैं। ‘सावरकर ः विचार की प्रासंगिकता’ के रूप में वीर सावरकर के दूरदर्शी ज्ञान के 25 अमूल्य मोती डॉ. अशोक मोडक के गहन अध्ययन एवं शोध का परिणाम हैं। पच्चीस अध्यायों में सावरकर के अपने उद्धरण लेखक की विशेषज्ञ टिप्पणियाँ और वरिष्ठ राजनीतिज्ञों समाज-सुधारकों बुद्धिजीवियों की लगभग 60 सहायक टिप्पणियाँ 21वीं सदी के नए भारत के लिए सावरकर के निम्नलिखित दूरदर्शी संदेशों की प्रासंगिकता को दर्शाती हैं—एकता द्वारा एक मजबूत सामंजस्यपूर्ण सामाजिक ताने-बाने का निर्माण।हिंदुत्व के माध्यम से संपूर्ण हिंदू जाति को आत्मसात् करना।भारत की संपूर्ण सुरक्षा के लिए सशक्त विदेश नीतियाँ।मानवजाति के संपूर्ण सुख के लिए श्रेष्ठ भारत।