उर्दू शायरी को देवनागरी में लिप्यन्तरित और अनूदित करने की एक सुदीर्घ परम्परा हिन्दोस्तानी साहित्य में रही है। ये किताब साहित्यिक और भाषाई आवाजाही की उसी परम्परा का एक ताज़ा और उत्कृष्ट उदाहरण है। रियाज़ ख़ैराबादी उर्दू के उस्ताद शायरों में शुमार किये जाते हैं। विभिन्न आलोचकों और शायरों ने अपने लेखों-आलेखों में रियाज़ ख़ैराबादी के शेर बतौर उदाहरण पेश किये या अपनी बात की ताईद में बतौर सुबूत पेश किये हैं। उनकी शायरी क्लासिकल उर्दू शायरी के नये नमूने पेश करती है। रियाज़ ख़ैराबादी की हैसियत उर्दू अदब में सिर्फ़ शायर की ही नहीं है बल्कि आधुनिक उर्दू पत्रकारिता को स्थापित और सुदृढ़ करने वाले चन्द अहम् नामों की फ़ेहरिस्त में शामिल रही है। उनकी ग़ज़लों का यह इंतिख़ाब शायरी के पाठकों को उर्दू ग़ज़ल का एक नया ही रंग दिखायेगा। रियाज़ ख़ैराबादी की ज़िंदगी के बारे में एक हल्की झलक सम्पादक की ओर से अपनी भूमिका में दी गयी है। ये झलक किसी भी संवेदनशील व्यक्ति के मन को उद्वेलित कर सकती है।
Piracy-free
Assured Quality
Secure Transactions
Delivery Options
Please enter pincode to check delivery time.
*COD & Shipping Charges may apply on certain items.