अपना पूरा दिन जिसकावर्णनों के पुर्जों से उलझनें में बिताने वाले पंकज शर्मा यहाँ बस एक शब्दकार के रूप में मौजूद है ये शब्द उनके ख़्याल जज़्बात और तज़ुर्बे को बयान करते है । पिछले दो साल में social media पर अपने शब्दों से हर दिल को छूने के बाद शब्द हमारे है इनकी पहली किताब लें कर आए है । जिसमें कई किस्सों और कहानियों का संग्रह है ये इनके रचनात्मक सफ़र का एक अहम पड़ाव भी है ।.
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