SHABDAPURUSH MANIKCHANDRA VAJPAYEE
shared
This Book is Out of Stock!

About The Book

राष्ट्रीय भावधारा के कुछ महत्त्वपूर्ण पत्रकारों का उल्लेख जब भी किया जाएगा श्री माणिकचंद्र वाजपेयी का नाम उसमें अग्रणी है। उनका समूचा जीवन रचना सृजन और संघर्ष का अभूतपूर्व उदाहरण है। वे अपनी वैचारिकता में बहुत स्पष्ट हैं और जीवन में उतने ही उदार व समावेशी। आजादी के बाद पत्रकारिता के अनेक नायक सामने आते हैं जिनमें देश के सर्वांगीण विकास की तड़प दिखती है।इसी दौर में भारतबोध से जुड़ी पत्रकारिता का प्रारंभ भी होता है जिसके नायक पं. दीनदयाल उपाध्याय हैं। ‘राष्ट्रधर्म’ ‘स्वदेश’ और ‘पाञ्चजन्य’ जैसे तीन प्रकाशनों के माध्यम से वे पत्रकारिता में भारतीयता की अलख जगाते हैं जिससे राष्ट्रीय भावधारा के पत्रकारों की एक मालिका खड़ी हो जाती है। बाद में ‘युगधर्म’ और ‘तरुण भारत’ जैसे पत्रों और ‘हिंदुस्थान समाचार’ जैसी समाचार एजेंसी से यह भाव और प्रखरता से सामने आता है। यह आवश्यक है कि हम अपने ऐसे नायकों को याद करें और उनका पुण्य स्मरण भी करें। स्व. माणिकचंद्र वाजपेयी की जन्मशती के अवसर पर यह पुस्तक उनके बारे में महत्त्वपूर्ण संदर्भ देती है। उनके कुछ बहुत महत्त्वपूर्ण लेख इस पुस्तक में हैं जो उनकी वैचारिकी के बारे में बताते हैं। साथ ही उनकी स्मृति को समर्पित कुछ लेख उनके जीवन और कृतित्व की बानगी भी देते हैं। आज जबकि भारतीय पत्रकारिता पर तमाम प्रश्न खड़े हो रहे हैं ऐसे समय में मामाजी की याद बहुत स्वाभाविक और मार्मिक हो उठती है।—प्रो. संजय द्विवेदीमहानिदेशक भारतीय जनसंचार संस्थान नई दिल्ली
Piracy-free
Piracy-free
Assured Quality
Assured Quality
Secure Transactions
Secure Transactions
*COD & Shipping Charges may apply on certain items.
Review final details at checkout.
260
Out Of Stock
All inclusive*
downArrow

Details


LOOKING TO PLACE A BULK ORDER?CLICK HERE