अपनी कहानियों से चर्चा में आये लेखक रामाश्रय मानवीय संवेदनाओं और अनुभूतियों को अपनी कलम के माध्यम से प्रस्तुत करने में माहिर हैं। उनकी रचनाओं को पढ़ते समय पाठक न सिर्फ दृश्यों को अपने समक्ष उपस्थित पाता है बल्कि पत्रों से आसानी से जुड़ जाता है। रामाश्रय का जन्म मध्यप्रदेश में हुआ और इंदौर से उन्होंने विज्ञान में स्नातक किया। स्नातक के पश्चात् वह माता पिता के मूल स्थान उत्तर प्रदेश में जा बसे जहाँ रामाश्रय ने लम्बा समय बिताया। वर्तमान में रामाश्रय पुणे में आयकर निरीक्षक के तौर पर पदस्थ हैं और वहीँ से साहित्य सेवा में भी संलग्न हैं। देश के विभिन्न स्थानों पर निवास करने के कारण विभिन्न संस्कृतियों और परम्पराओं से रामाश्रय भिज्ञ हैं और उनकी लेखनी पर इसका प्रभाव देखा जाता है। कहानीकार रामाश्रय ने इस उपन्यास में नागदा शहर से तीन दोस्तों के लापता होने की रोचक कहानी प्रस्तुत किया है। जिसमें जीवन के कई पहलुओं जैसे प्रेम दुश्मनी वर्ग संघर्ष आर्थिक संघर्ष मजदूर समस्या और दोस्ती को दिखाया बखूबी गया है।उपन्यास यह बताता है कि व्यक्ति की परिस्थितियाँ उसके जीवन की दशा और दिशा अवश्य तय कर सकती हैं लेकिन व्यक्ति के भाग्य का निर्माण वह स्वयं करता है।
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