Sharab Ek Shrap


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About The Book

शराब एक श्राप ट्रेलर खंजर मेरे सीने के पार हैं फिर भी न इस दर्द का एहसास है! जो दिल में है दर्द वो मोहब्बत का नाम है! मेरे सामने बंदूक है अगर मैं चाहूं तो एक ही झटके में मौत की नींद सुला सकता हूं ! लेकिन मैं ऐसा नहीं करूंगा क्योंकि मैं अपनी जान की जान नहीं लेना चाहता हूं! छाया जिससे मैं बहुत प्यार करता हूं! ये वही है जब एक वक्त था मुझे इतना चाहती थी कि मेरा नाम अंश जानने के बाद खुद का नाम बदलकर अंशिका रख लिया ! और आज एक वक्त है जब मेरी जान लेना चाहती है मौत से भी बत्थर जिंदगी मौत देना चाहती है ! और इन सब का कारण एक ही है शराब ! आप लोगों को यही लगता होगा कि मैं एक शराबी हूं लेकिन मैंने आज तक शराब को पीने के लिए हाथ तक नहीं लगाया! मैं धुम्रपान या कोई भी नशा नहीं करता हूं ! शराब एक ऐसा जहर है जिसे पीता तो एक है लेकिन मरता पूरा परिवार है ! एक दिन मैं इस शराब का अस्तित्व मिटा के रहूंगा ! मैं अपने पापा को इतना चाहता हूं की उनके साथ जिस हाल में भी हूं वो वक़्त मेरे लिए कीमती है ! अंश - रिश्ते क्या सिर्फ अच्छे वक्त खुशियों में शामिल होने के लिए ही होते हैं क्या दुख दर्द में इन रिश्तो के कोई मायने नहीं होते हैं ! अगर ऐसा है तो मुझे सिर्फ नाम के रिश्तेदारी नहीं चाहिए ! राज - तुझे क्या लगता है एक कोरे कागज और एक कलम से तू राइटर बन जाएगा ! अंश - दुनिया के दर्द को अपने एहसास को दर्द में पिरोकर पूरी दुनिया में लिखूंगा एक दिन आई एम राइटर....! अंशु - मैं तुम्हारी जान लेना चाहती हूं मैं तुम्हें मारना चाहती हूं मैं तुमसे नफरत करती हूं तुम्हें जीने का हक नहीं !
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