Shiv Ke Saat Rahasya+Pashu

About The Book

This combo product is bundled in India but the publishing origin of this title may vary.Publication date of this bundle is the creation date of this bundle; the actual publication date of child items may vary.हिन्दुओं के अनगिनत देवी-देवताओं में से शिव सबसे अधिक लोकप्रिय हैं। महादेव के नाम से भी जाने जानेवाले शिव विष्णु और ब्रह्मा के साथ हिन्दू देवताओं के त्रिमूर्ति माने जाते हैं। शिव के अनेक रूप हैं: कहीं तो वह कैलाश पर्वत की बफऱ्ीली चोटी पर बैठे अपने पर नियंत्रण रखनेवाले एक ब्रह्मचारी योगी हैं जो दुनिया का विनाश करने की क्षमता रखते हैं तो दूसरी और अपनी पत्नी और पुत्रों के साथ गृहस्थ आश्रम का आनन्द भोगते हुए गृहस्थी हैं। इनमें से कौन-सा है शिव का वास्तविक रूप? माथे पर तीसरी आँख गर्दन में सर्प शीश पर अर्द्धचन्द्र केशों से बहती गंगा और हाथों में त्रिशूल और डमरू-इन सब प्रतीकों का क्या अर्थ है ? शिव के अनेक रूप और प्रतीकों के पीछे छिपे हैं हमारे पौराणिक अतीत के अनेक रहस्य जिनमें से सात को समझने का प्रयास इस पुस्तक में किया गया है।कैसे एक मछली दुनिया को बचा लेती है एक घोड़ा कैसे आसमान में उड़ता है राजा को कैसे पता चलता है कि उसकी प्रिय पत्नी वास्तव में मेढक है। हिन्दू पुराकथा शास्त्रों में ऐसे अनेक किस्से-कहानियाँ है जिसमें पशु-पक्षियों की महत्त्वपूर्ण भूमिका है। क्या कारण है कि कुछ को तो देवी-देवताओं के समान पूजा जाता है और कुछ से दूरी ही रखी जाती है? कुछ पशुओं की तो मनुष्यों से शत्रुता है और कुछ उनके साथ जीवन भर निभाने वाला नाता जोड़ते हैं। ऐसा कैसे हुआ कि एक हिरण ने रामायण में इतनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई ? क्यों और कैसे गरुड़ नागों का जानी दुश्मन बना ? और कैसे एक नेवले ने युधिष्ठिर को त्याग का पाठ पढ़ाया? ऐसे ही अनेक रोचक प्रश्नों के उत्तर देवदत्त पट्टनायक की इस पुस्तक में मिलेंगे।
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