माँ के चरणों में समर्पित… निवेदन प्रिय पाठक सविनय निवेदन परम पूज्य माता–पिता गुरुजन एवं माँ भगवती सरस्वती के आशीर्वाद एवं प्रेरणा द्वारा श्रीदुर्गासप्तशती तथा अन्य प्रमाणिक कथाओं के आधार पर श्रीदुर्गाचरितमानस की कथा को अपने अन्तःकरण के सुख के लिए अत्यन्त सरल सुबोध एवं मधुर भाषा में प्रस्तुति का एक छोटा प्रयास मेरे द्वारा किया गया है तथा आशा है कि - प्रेमी पाठक इससे लाभ उठायेंगे । यद्यपि पुस्तक को सब प्रकार से शुद्ध बनानेकी ही चेष्टा की गयी है तथापि प्रमादवश कुछ अशुद्धियों का रह जाना सम्भव है । ऐसी भूलों के लिये क्षमा माँगते हुए हम पाठकों से अनुरोध करते हैं कि वे हमें सूचित करें जिससे भविष्य में उनका सुधार किया जा सके । सहृदय आभार ! ... जय माता दी ! आपका आशीषेच्छुक आचार्य रमेश तिवारी लल्लन गुलालपुरी
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