Shrimad Bhagavad Gita

About The Book

श्री मद् भगवद्गीता वेद हैवेद का निचोड़ हैउपनिषदों का सार है।युगों - युगों से ज्ञानी मनुष्य गीता ज्ञान का अमृत पान कर रहे है। भारत के बाहर जब गीता गईसंसार आश्चर्य चकित हो उठा।मुक्त कंठ से गीता की प्रशंसा करने लगा। अर्जुन कुरुक्षेत्र में युद्ध करने से मना कर दिया पर जब श्री भगवान ने अपने श्री मुख से अर्जुन को भगवान प्रकृति और जीव के रहस्य को उद्घाटित किया तब अर्जुन का मोह नष्ट हो गयाअज्ञान दूर हो गयाअंधेरा छंट गया। फिर अर्जुन कर्तव्य पथ पर अग्रसर हो उठा और युद्ध को तैयार हो उठा। जीवन क्षेत्र पलायन का नाम नहीं है जो भी समस्या है उसका डट कर मुकाबला करने को गीता सिखाती है। श्री मद् भगवद्गीता के अट्ठारहों अध्याय के 700 श्लोक को पहली बार आप कविता के रूप में देख है।आपसे अनुरोध कि आप स्वयं पढ़े और दुसरो को भी पढ़ने के लिए प्रेरित करे जिससे प्रत्येक व्यक्ति आत्म कल्याण के मार्ग पर चल सके।
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