ShrimadBhagwad Katha Samagra Anusheelan

About The Book

परमपिता परमेश्वर की असीम कृपा से मैंने श्रीमद्भागवत महापुराण को अत्यंत ही सरल शब्दों में लिखने का प्रयास किया है। जब भी मैं कभी किसी संत महात्मा से इस पुराण की व्याख्या सुनती थी तब मुझे समझ ही नहीं आता था कि वास्तव में भागवत पुराण क्या है? यह कौन - सा साप्ताहिक यज्ञ है जो मरणोपरांत भी जीव को मुक्ति प्रदान करता है। सात दिनों के भीतर सम्पूर्ण भागवत के सभी प्रसंगों की विवेचना किसी भी कथाकार के लिए असंभव है इस कारण केवल सार तत्त्वों से श्रोताओं को अवगत कराते है। मुझे सम्पूर्ण भागवत के सभी प्रसंगों को जानने की इच्छा हुई क्योंकि मैं जब भी कथा सुनती सीमित समय में वक्ता द्वारा कही गई कथाएँ आपस में उलझी जान पड़ती थीं। उदाहरण के लिए - राजा परीक्षित और शुकदेव जी महाराज जो कथा के मूल पात्र हैं उनके विषय में भी आम लोगों को विस्तृत जानकारी नहीं हो पाती है। कभी किसी से पूछो कि परीक्षित कौन है? कई लोग इस बात का जवाब कथा सुनने के बाद भी नहीं दे पाते हैं। आज के अतिव्यततम जिन्दगी में कथा मनोरंजन का साधन अधिक बन गयी है। बड़े-बड़े आयोजन और मनोरंजन ही श्रोताओं को कथा - स्थल पर बाँधकर रखते हैं। खैर! मैं कोई विद्वान वक्ता या श्रोता नहीं हूँ एक आम इंसान हूँ और सरल भाव से कथा को जानने के लिए एक सरल किताब के रूप में इस पुराण के सभी प्रसंगों की विवेचना करने का प्रयास कर रही हूँ । युवा पीढ़ी के मन में भी पुराण को सरल एवं सहज रूप से जानने की रुचि उत्पन्न करने का मैंने प्रयास किया है। हमारी युवा पीढ़ी श्रीमद् भगवत गीता और श्रीमद् भागवत महापुराण को एक ही ग्रंथ मान लेती है इस भ्रांति से उन्हें बाहर निकलना चाहिए। विद्वान संत-महात्माओं ने इस पुराण की विवेचना कथा - रूप में अनेको बार की है हम उनके प्रवचनों द्वारा भी अपने शास्त्र को जान सकते हैं लेकिन मुझे ईश्वरीय प्रेरणा से इसे सरल रूप में लिखने की प्रबल इच्छा हुई और मैंने एक छोटी-सी कोशिश की है। -डॉ. आभा गुप्ता
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