<p>पुस्तक शुभ चिंटन भारतीय दर्शन संस्कृति और आध्यात्मिकता में गहराई से निहित विषयों की एक टेपेस्ट्री में बदल जाती है. यह यम नियाम आसन प्राणायाम प्रात्यहार धरण ध्यान और समाधि को शामिल करते हुए अष्टांगयोग के स्थानों से गुजरता है. यह शादविकर को संबोधित करता है - काम (वासना) क्रोध (क्रोध) लोभ (लालच) मोह (संलग्नक) मैड (अहंकार) और मात्सर (ईर्ष्या) के छह आंतरिक दुश्मन. इसके अलावा यह एंटाहकरन चटुस्तया के साथ संलग्न है - चार गुना मन जिसमें मनुष्य (मन) बुद्धी (बुद्धि) चित्त (चेतना) और अहानकर (अहंकार) शामिल हैं.यह पुस्तक रिद्धियान और सिद्धियन नक्षत्रा मंडल के लौकिक नृत्य रहस्यपूर्ण आकाशगंगाओं और कैलाश पर्वत को घेरने वाले रहस्यों के साथ-साथ ग्रेटर कैलाश (महाकैलाश) के आख्यानों सहित विस्तृत विषयों की खोज करती है.शुभ चिंटन सकारात्मक सोच सत्यता दयालु भाषण और पुण्य कर्मों को बढ़ावा देने के लिए प्रेरणा का एक अच्छा काम करता है. यह दैनिक योगिक अभ्यास एक सैटविक आहार और सरल जीवन और उन्नत सोच के लोकाचार की वकालत करता है. अपने पन्नों के भीतर पुस्तक गायत्री मंत्र के गहन महत्व और मानव जीवन पर इसके परिवर्तनकारी प्रभाव का भी खुलासा करती है। बुद्धिजीवियों विद्वानों संतों और योगियों के लिए एक कम्पास के रूप में बनाया गया है पुस्तक उन लोगों के लिए है जो एक आध्यात्मिक यात्रा पर जाने के लिए उत्सुक हैं. इसका आख्यान पाठक को आध्यात्मिकता की गहराई का पता लगाने के लिए प्रेरित करता है जो जीवन के लिए एक समग्र दृष्टिकोण का पोषण करता है.</p>
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