सत्य की अभिव्यक्ति तो हमेशा हर स्तर पर और हर स्थिति में ज़रूरी है लेकिन इससे कुछ अलग हटकर ;कविता आत्मीय सत्य की अभिव्यक्ति है। चर्चित कवि वंदना गुप्ता का यह पाँचवा संकलन है। इस संग्रह तक आते-आते वह जीवन के विभिन्न संदर्भों की अभिव्यक्ति के माध्यम से काव्य संवेदना का विस्तार करती दिखाई देती हैं।इस संग्रह की ज़्यादातर रचनाओं में कविता का हवाला दिया गया है लेकिन प्राय: हर बार किन्हीं नये जीवन संदर्भों के साथ। यही कारण है कि वंदना गुप्ता की कविताएं एकदम अलग हैं। इतनी अलग कि इन्हें सराहने के लिए आस्वाद का बदलना अपेक्षित है।---मदन कश्यप
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