About the book“सियाही के रंग“ ऐसी कविताओं का संग्रह है जिनको कवि ने वास्तविकता को संज्ञान में रखकर लिखित रूप दिया है । इनमें कई कविताएं विभिन्न धर्मों व जातियों के मध्य भाईचारे की भावना को बढ़ाएंगी तथा कुछ प्रेरणादायक कविताओं को पढ़कर पाठक स्वयं में एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार कर सकते हैं जो उनको जीवन में अग्रसर रहने के लिए प्रेरित करेगा ।About the authorप्रियंक वार्ष्णेय एक युवा कवि हैं जिनको अपने अंदर छिपे एक कवि का पता तब चला जब 12 वर्ष की आयु में इन्होंने अपनी पहली कविता को शब्दों में पिरोया । प्रियंक वार्ष्णेय का मानना है कि यहाँ प्रत्येक व्यक्ति के अंदर एक अद्वितीय कलाकार छिपा होता है, देरी है तो बस उस कला को पहचानने की । अपनी कृतियों के माध्यम से वे पाठकों के इर्द-गिर्द एक सकारात्मक वातावरण उत्पन्न करना चाहते हैं जिससे लोगों को वो मिले जो वो लोग खुद चाहते हैं, वो नहीं जो अन्य लोग उनसे चाहते हैं ।
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