*COD & Shipping Charges may apply on certain items.
Review final details at checkout.
₹180
₹200
10% OFF
Paperback
All inclusive*
Qty:
1
About The Book
Description
Author
यह कहानी काल्पनिक है, यह किसी भी धर्म या जाति को ठेस पहुँचाने के लिए नहीं लिखी गई है । यह सिर्फ़ एक मनोरंजक उपन्यास है । जैसा कि आज के युग में लोगों में बढ़ता स्ट्रेस, अकेलापन बहुत तेज़ी से पाँव पसार रहा है, उसी के चलते इन बीमारियों को दूर करने के लिए मेरी यह एक छोटी सी कोशिश है । इस कहानी में रोमांच, जुर्म और भयावह मंज़र है, जो इन्सान की रुह तक को हिला सकता है । यह कहानी आपको अंत तक बांधे रखेगी । जगन्नाथ (इंस्पेक्टर) की पोस्टिंग जब से दार्जिलिंग के आमला गाँव में हुई है, तभी से गाँव में मौत का सिलसिला शुरू हो गया है । गाँव के सरपंच (धर्मेश्वर) के ऊपर जगन्नाथ को शुरू से ही शक़ है, कि सभी हो रहीं मौतों का जिम्मेदार सरपंच का परिवार ही है । कहानी में जैसे ही दशरथ, जो कि सरपंच का छोटा भाई है, की एंट्री होती है, तभी से कहानी थोड़ी रफ़्तार पकड़ती है । जगन्नाथ कुछ लोगों को मौत के केस के सिलसिले में अरेस्ट भी करता है, पर कुछ पुख़्ता सबूत हाथ नहीं लग पाता । इसी के साथ जगन्नाथ सरपंच के घर खुफ़िया तरीके से छानबीन करने के लिए अपनी टीम के साथ जाता है । बस इसी वजह से जगन्नाथ की ज़िदंगी मौत से भी बदत्तर हो जाती है । वहाँ उसका परिवार – माता–पिता, बीवी और बेटा जगन्नाथ का इंतज़ार कर रहे हैं । दूसरी ओर जगन्नाथ का हाल क्या है, यह तो जगन्नाथ खुद भी नहीं जानता । क्या यह केस सुलझ पाएगा ? क्या ये राज़ सुलझ पाएँगे ? क्या मुजरिमों को सज़ा मिलेगी ?