स्त्री रोग विज्ञान चिकित्सा शास्त्र की एक महत्त्वपूर्ण शाखा है जो स्त्रियों में पाई जानेवाली विशेष बीमारियों एवं असामान्यताओं के बारे में ज्ञान प्रदान करती है। विश्व की विभिन्न भाषाओं में स्त्री रोगों पर अनेक पुस्तकें उपलब्ध हैं पर हिंदी में ऐसी पुस्तकों का सर्वथा अभाव है जो भारत देश की मातृभाषा है।हमारे देश की अधिकांश महिलाओं को इस विषय की या तो अधूरी जानकारी है या बिल्कुल ही नहीं ऐसे में इस पुस्तक को लिखने का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को संबंधित रोगों की पूरी जानकारी देना है। इस पुस्तक के प्रारंभ में ही जननांगों की बनावट एवं सामान्य प्रक्रियाओं के विषय में बतलाया गया है। अपने स्वास्थ्य को सही एवं अपने को सक्रिय रखने के लिए किन-किन बातों पर ध्यान देने एवं कब-कब अपने चिकित्सक से मिलना जरूरी है इसका उल्लेख भी इस पुस्तक में किया गया है।बाँझपन के कारणों एवं इसकी चिकित्सा के विषय में विशेष जानकारी देने का प्रयास किया गया है ताकि संबंधित दंपती को उनके प्रश्नों का उत्तर मिल सके। गर्भ निरोध के करीब-करीब सभी उपायों की चर्चा के साथ-साथ किसके लिए कौन सा उपाय कारगर होगा इसकी चर्चा भी की गई है। जननांगों के कैंसर के लक्षण एवं सावधानियों की जानकारी तथा संक्षिप्त में तत्संबंधी चिकित्सा का वर्णन भी किया गया है।