सूचना का अधिकार एक मौलिक अधिकार है। सभी विकासशील देशों में सूचना का अधिकार जनता को प्राप्त है और भारत में भी इस अधिकार की व्यवस्था कुछ वर्षों पूर्व ही की गई है ताकि आम जनता सरकारी कामकाजों की गहराई तक जाकर सरकार से सवाल कर सके। सूचना की जानकारी होने पर लोगों को सरकार द्वारा लिए गए निर्णयों का पता चल जाता है। इससे सरकारी तंत्र के गलत इस्तेमाल पर रोक लगती है।वर्ष 2005 में “सूचना का अधिकार अधिनियम" सरकार द्वारा पारित किया गया। सूचना का अधिकार कानून जनता को सार्वजनिक प्राधिकरणों और दूसरी सरकारी संस्थाओं से सूचना या जानकारी लेने के लिए मजबूत बनाता है। सूचना का अधिकार अधिनियम, खुलापन और ईमानदारी का नया दौर लाने वाला एक सशक्त यंत्र है। इस कानून की जानकारी लोगों को भी हो और वे लोकहित में इसका इस्तेमाल बेहिचक कर सकें, प्रस्तुत पुस्तक को प्रकाशित करने का एकमात्र उद्देश्य यही है।
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