*COD & Shipping Charges may apply on certain items.
Review final details at checkout.
₹145
₹150
3% OFF
Paperback
All inclusive*
Qty:
1
About The Book
Description
Author
समाज में सुसंस्कार नैतिकता व उच्च जीवन-मूल्यों की स्थापनार्थ सुभाषित अत्यंत प्रभावी साधन हैं। सुभाषितों का उपयोग वेद काल से होता आया है। वेदों में प्रचुर संख्या में सुभाषित संकलित हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखाओं पर संस्कारों के संवहन हेतु दैनंदिन सुभाषितों का उपयोग किया जाता है। देश-प्रेम समाज-हित धर्म अर्थात् कर्तव्यपरायणता और राष्ट्र के लिए सर्वस्व समर्पण की प्रेरणा देनेवाले संस्कृत सुभाषित महापुरुषों के अमृत वचन एवं प्रेरणादायी गीत संघ के नियमित बौद्धिक कार्यक्रमों के प्राण हैं। ऐसे ही अनगिनत सुभाषितों की निधि में से समाज में सामयिक व सतत सुसंस्कार निर्माण करनेवाले कुछ उपयोगी सुभाषितों व उनकी समाजोपयोगी सरल व्याख्या माननीय रंगाहरिजी ने इस पुस्तक में प्रस्तुत की है। यह संकलन संस्कारों के ज्ञान-यज्ञ की अग्निशिखा के प्रज्वलन की प्रारंभिक आहुति है। सत्यनिष्ठा राष्ट्रभक्ति परिवार-निष्ठा वृद्ध व असहाय जनों के प्रति कर्तव्य प्रेरणा तथा प्रकृति सृष्टि व समष्टि से एकात्मता के प्रेरक उच्च आदर्शों नैतिकता एवं उच्च जीवन-मूल्यों के संवाहक ये सुभाषित हमारे इतिहास संस्कृति प्राचीन वाङ्मय तथा महापुरुषों के प्रति निष्ठा का संवर्धन करेंगे।.