SHORTY HINDI STORIES BY MR. KUSHLENDER SRIVASTAVA IRONY HINDI STORIES कहानियां सीमेन्टी बयार में /ाूल भरी राहों को खोजती है उसका हर पात्र भटकता हुआ प्रतिबिम्ब है जिसे मातृत्व से प्यार है जिसे अपनी माटी से स्नेह है जिसे अपने काकी हो जाने पर तराज नहीं है शायद समाज के वर्तमान परिवेश से निकले ये पात्र हमारा प्रतिनि/िात्व कर रहे हैं । कल्पनाशीलता से परे जीवंत स्वरूप लेकर वे हमसे प्रश्न कर रहे हैं और हम निरूत्तर हैं हम नि%शब्द हैं । क था राजा क थी राजकुमारी कहानी के दिन लद ग अब प्रेमचंद का होरी चाहिये हमारे बीच से निकला कोई गरीब चाहिये जिसकी दास्तां हमारे सूख चुके अश्कों के किसी कोने से अश्रु की क बूंद ढूंढ कर गालों पर बिखेर सकें । कंक्रीट के मैदान में संवेदनाओं की नमी खोेजी जा रही है । मैं जानता हूँ कि कंक्रीट में भी नमी होती है जैसे मेरे कहानी संग्रह “नीम वाली भौजी” की कहानी “अनपढ़ माँ” ने पाठकों की आँखों में आँसू लाने का प्रयास किया मेरे पास फोन आये स–म–स– आये पाठकों ने कहानी के पात्रों के साथ तारतम्य बिठाया और अपनी वेदना को बह जाने का अवसर दिया ।
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