Sulagate Ehsaas

About The Book

यह पुस्तक 'सुलगते एहसास' मेरे स्व.पिता श्री रूप चन्द पॉल एवं मेरी माता जी श्रीमति उर्मिला पॉल को समर्पित कर रही हूँ। मेरे मन में केवल एक ही अभिलाषा थी कि मैं अपने माता पिता का नाम अमर कर दूँ। साहित्यकार की जीवनी उसके साहित्य का मुख्य भाग होती है। मेरे दो राम लक्ष्मण जैसे पुत्र हर्षेन्द्र एवं अर्चित मेरे जीने का सहारा बने तो जीवन में जैसे पुन: बहार आ गई। मेरी भी यह अभिलाषा है कि मेरे पुत्रों के नाम मेरे नाम के साथ सदैव जुड़े रहें। लाखों-लाख पाठकगण ने मुझसे बारम्बार अपनी पुस्तक प्रकाशित करवाने का आग्रह किया तो मुझे लगा कि यह उचित है कि अपनी भावनाओं से लोगों के दिलों को छूने का प्रयास करूँ। बस इसी कारण इस पुस्तक को एक आधार मिला जब फ़ेसबुक पर BFC प्रकाशन का विज्ञापन देखकर कमेंट बॉक्स में अपनी इच्छा लिख डाली। सम्भवत: प्रभु की भी यह इच्छा थी कि मैं अपनी पुस्तक प्रकाशित करवाऊं।डॉ. प्रतिभा पॉल शिमला (हिमाचल प्रदेश)
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