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About The Book
Description
Author
यशस्वी कवि कथाकार रामदरश मिश्रजी ने हिमांशुजी की कविताओं के संबंध में लिखा है “इन कविताओं को पढ़ने पर यह अहसास बराबर बना रहता है कि हिमांशुजी में काव्यात्मक संवेदना है। उनकी कविताओं में समकालीन कविता का-सा समकालीन जीवन - यथार्थ है। इनमें व्यवस्था की तमाम विसंगतियों अमानवीय हरकतों और शोषक वृत्ति की पहचान है साथ ही व्यवस्था से उपजी हुई आम आदमी की यातना बेबसी और आग का अहसास है । सुनो अग्निसम्भव आग की फसल’ ‘सूखी नदी में तुम्हारा ही इतिहास गाँव : चार चित्र आदि अनेक कविताएँ इसी मिजाज की हैं।