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About The Book
Description
Author
किसी ने एक को सलाह दी कि गधे को पीटने से वह घोड़ा बन सकता है। गधे के मालिक ने उसे घोड़ा बनाने की इच्छा से इतना पीटा कि वह बेचारा गधा ही मर गया! तो इस प्रकार लड़कों को ठोंक-पीटकर शिक्षित बनाने की जो प्रणाली है उसका अन्त कर देना चाहिए। माता-पिता के अनुचित दबाव के कारण हमारे बालकों को विकास का स्वतंत्र अवसर प्राप्त नहीं होता। हर एक में ऐसी असंख्य प्रवृत्तियाँ रहा करती हैं समुचित क्षेत्र की आवश्यकता होती है। सुधार के लिए बलात् उद्योग करने का परिणाम सदैव उलटा ही होता है। यदि तुम किसी को सिंह बनने न दोगे तो वह सियार ही बनेगा।
-स्वामी विवेकानंद
जातियों की समस्या को अगर हल करना है तो उसके लिए विवाह के योग्य स्त्री-पुरुषों की असमानता को रोकना होगा। इसमें प्रकृति तभी साथ दे सकती है जब पति के साथ पत्नी या पत्नी के साथ पति की मृत्यु हो जाए। ऐसा होने से ही संतुलन बना रह सकता है। ये संभव नहीं है। सही में पति के मरने पर पत्नी बच जाती है और पत्नी के मरने पर पति बचा रह जाता है। इस तरह से इन बचे रहे स्त्री-पुरुषों की व्यवस्था करनी होगी नहीं तो ऐसा हो सकता है कि कोई बचा हुआ पुरुष या स्त्री जाति के बाहर विवाह करके जाति-व्यवस्था के जाल को छिन्न-भिन्न कर दे। अगर उन्हें स्वतंत्र रहने दिया गया तथा उन्हें नव-युगल बनाने का कोई नियम नहीं बनता है तो इस प्रकार के अतिरिक्त स्त्री-पुरुष बचे रहेंगे। ऐसे में यह बहुत संभव है कि वे सीमाओं को लाँघ जाएँ और बाहर विवाह रचाकर जाति में विजातीय लोगों को भी शामिल कर अथवा भर लें।
-डॉ. आंबेडकर