मनुष्य का वास्तविक स्वरूप एक सरोवर की तली जैसा है । सरोवर उसका चित्त है और लहरें उसकी वृत्तियां । सरोवर की तली को तभी देखा जा सकता है जब सरोवर स्वच्छ और निर्मल हो तथा लहरें पूर्ण तया शांत हो । मानव मन की शक्ति अथाह एवं असीमित है । इस ब्रह्माण्ड में जो कुछ भी दृश्य या अदृश्य है वह मानव मन की शक्ति से बाहर नहीं है । परन्तु मन बहुत चंचल है । बिना मन की वृत्तियों को रोके किसी वस्तु की प्राप्ति संभव नहीं है । स्वप्न सरोवर की लहरों को शांत कर कई मनोवैज्ञानिकों शोधकर्ता ॠषि मुनियों ने इस सरोवर मे डुबकी लगाकर अनेक बहुमूल्य रत्नों को खोज निकाला है जो हमारे जीवन के लिए बहुत उपयोगी हैं । स्वप्न क्या हैं? क्यों आते हैं? क्या इनमें कोई सच्चाई है? जीवन पर इनका कुछ प्रभाव है या नहीं? कौनसे सपने शुभ होते हैं कौनसे अशुभ? इन सब प्रश्नों का उत्तर इस पुस्तक में मिलेगा । संबधित विषयों एवं स्वयं के अनुभवों को सम्मिलित करके इस पुस्तक को मनोरंजक तरीके से प्रस्तुत करने की कोशिश की गई है । विज्ञान एवं अध्यात्म का अनूठा संगम भी पाठकों की रुचि को ध्यान में रखते हुए किया गया है ।
Piracy-free
Assured Quality
Secure Transactions
Delivery Options
Please enter pincode to check delivery time.
*COD & Shipping Charges may apply on certain items.