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About The Book
Description
Author
स्वत: कविताओं का बस एक संग्रह भर ही नहीं मेरी जिंदगी का वह हिस्सा है जो मैंने अपनों के साथ जिया. वह अपने जो वक्त के साथ हमेशा मेरे साथ खड़े रहे और कुछ जो मुझसे छूटते चले गए और कुछ वह जिन्होंने वक्त के साथ मुझे छोड़ दिया. मेरी कविताओं का यह छोटा सा संग्रह उन लोगों के लिए जिन्होंने किसी ना किसी रूप में मेरे साथ रहकर मुझे जिंदगी जीने का मुश्किलों से लड़ते हुए अपने विश्वास पर खड़े होने का तजुर्बा सिखाया. प्रेम में सराबोर लम्हे कभी ना टूटने वाली उम्मीद और बिछड़ जाने का दर्द सब स्वत: का ही हिस्सा है. यह कविताएं वक्त का दिया हुआ वह मरहम हैं जो मुझे हर बार कभी कुछ खुशियों के बहाने तो कभी आंसुओं के बहाव के साथ मिला. इन्हीं कुछ पंक्तियों की पतवार के सहारे मैंने जीवन की नौका में ना जाने कितने ही सफर किए. इन कविताओं ने सही मायने में मुझे जीने की हिम्मत दी मुश्किल से मुश्किल वक्त में उम्मीद की एक डोर से बांधे रखा. ढांढस बंधाया और जिंदगी जीने के लिए प्रेरित किया. मेरी सबसे अजीज दोस्त मेरी हमसफर तरह. इन कविताओं में से किसी भी एक कविता ने अगर आपकी जिंदगी के किसी भी पहलू को छुआ है तो मैं समझूंगा कि कहीं ना कहीं कोई न कोई रिश्तो का तार प्रेम की डोर हमारे और आप के दरमियां हैं और हम कुछ लम्हों भर ही सही हूबहू सोचते हैं. अगर ऐसा है तो मुझे उम्मीद रहेगी कि आप उस एहसास को किसी न किसी माध्यम से मेरे साथ जरूर बांटेंगे.