Swatantrata Senani Chandkaran Sharda

About The Book

राजस्थान के भूले-बिसरे जनजागरण के पुरोधा चाँदकरण शारदा ने अपना सम्पूर्ण जीवन देश की स्वतंत्रता व जनसामान्य को जाग्रत करने हेतु व्यतीत किया। जहाँ एक तरफ वे गाँधी जी के अहिंसक आंदोलन के सहभागी रहे वहीं दूसरी ओर वे देश के युवा क्रांतिकारियों के भी विश्वसनीय सहयोगी रहे। 1930 ई. में चन्द्रशेखर आजाद का अचानक अजमेर आगमन हुआ। उस समय आजाद अपने आपको सरकारी गुप्तचरों की नजरों से बचाकर दिल्ली जाना चाहते थे। वे सीधे चाँदकरण शारदा के निवास स्थान शारदा भवन आ गये चन्द्रशेखर को देखकर शारदा उनसे गले मिले और आने का कारण पूछा आजाद ने कहा कि पुलिस मेरा पीछा कर रही है उनसे मेरी रक्षा कर मुझे दिल्ली पहुँचाने का प्रबंध करें। शारदा ने इसे अपना सौभाग्य मानते हुए उन्हें सुरक्षित रूप से दिल्ली पहुँचाने का प्रबंध कर दिया। चाँदकरण शारदा के राजनैतिक सामाजिक एवं धार्मिक कार्यों तथा इस सम्बन्ध में उनके विचारों के अध्ययन के पश्चात् हम यह कह सकते हैं कि उनका धर्म जनसेवा से प्रारम्भ होकर देश की स्वतन्त्रता से होते हुए मानवमात्र की मुक्ति पर समाप्त होता है।
Piracy-free
Piracy-free
Assured Quality
Assured Quality
Secure Transactions
Secure Transactions
Delivery Options
Please enter pincode to check delivery time.
*COD & Shipping Charges may apply on certain items.
Review final details at checkout.
downArrow

Details


LOOKING TO PLACE A BULK ORDER?CLICK HERE