यह पुस्तक बताती है कि जिस दिन जीवन में नयी रोशनी आती है उस दिन से मनुष्य सभी अंगुलियों को वे जैसी हैं रहने की अनुमति देता है। इसलिए रिश्तों में सभी को वे जैसे हैं रहने की अनुमति दें फिर न होगा वाद - विवाद न लड़ाई - झगड़ा होगा तो केवल प्रेम आनंद और संतुष्टि|