Terahavan Prishtha (तेरहवां पृष्ठ)
Hindi

About The Book

पुस्तक की शीर्षक कथा 'तेरहवां पृष्ठ' को कदाचित् लघु उपन्यास की संज्ञा देना अनुचित न होगा। इसका कथ्य यथार्थ और कल्पना के ताने-बाने से निर्मित तो है ही ‘सस्पेंस' से भरपूर है। कानपुर के परेड के पटरी बाजार में बड़े मियां की किताबों पर अचानक हाथ लगने वाली एक जीर्ण-क्षीण पुस्तक के पन्ने कथानायक को अपने सम्मोहन - जाल में बांधकर क्या-क्या शीर्षासन कराते हैं इसे पढ़ना अपने आपमें एक कौतुक है। किसी तिलस्मी दुनिया में पांव धरने से कम जादुई लोक नहीं है यह । रहस्य - रोमांच का एक अद्भुत समन्दर इसके शब्द - शब्द में हिलोरें ले रहा है। एक बैठक में स्वयं को पढ़ा लेने का गुण ही इसे अन्य कथा - सृष्टियों से अलग अभिनव और अनूठा बना देता है।
Piracy-free
Piracy-free
Assured Quality
Assured Quality
Secure Transactions
Secure Transactions
Delivery Options
Please enter pincode to check delivery time.
*COD & Shipping Charges may apply on certain items.
Review final details at checkout.
downArrow

Details


LOOKING TO PLACE A BULK ORDER?CLICK HERE