The Assassination of Indira Gandhi: The Collected Stories (Volume One)


LOOKING TO PLACE A BULK ORDER?CLICK HERE

Piracy-free
Piracy-free
Assured Quality
Assured Quality
Secure Transactions
Secure Transactions
Fast Delivery
Fast Delivery
Sustainably Printed
Sustainably Printed
Delivery Options
Please enter pincode to check delivery time.
*COD & Shipping Charges may apply on certain items.
Review final details at checkout.

About The Book

खाँटी माटी के कथाकार हैं काशीनाथ सिंह। कथा साहित्य में ‘अकहानी’ ‘सचेतन कहानी’ ‘समानान्तर कहानी’ आदि आन्दोलनों के काल से गुज़रे काशीनाथ सिंह ने भीड़ में होते हुए अपनी लीक स्वयं बनाई है। जो लोक रचा है उसका यथार्थ अपनी भाषा शिल्प कथ्य और दृष्टि में विश्वसनीय तो है ही विलक्षण भी है। एक सेवानिवृत्त व्यक्ति की नज़र से देखी-लिखी गई कहानी ‘सुख’ सामाजिक यथार्थ को व्यक्त करनेवाली एक अलग कहानी है तो ‘संकट’ एक ऐसे फौजी चरित्र की कथा जो अपनी वासना की पूर्ति न होने पर कई मानसिक तनावों में घिरता और घेरते चला जाता है। ‘एक बूढ़े की कहानी’ एक नाबालिग लडक़ी से बलात्कार की बेहद मार्मिक कथा है। ‘चोट’ में जाति के अहं को जिस पैनी दृष्टि के साथ रचा गया है वह बदलते युग में वर्ण से जुड़ी कई गिरहों को खोलने में मदद करती है। जबकि ‘सुबह का डर’ मनुष्यता और पुलिसिया आतंक के बीच फँसे लोगों के डर के संजाल की कहानी है। देखें तो काशीनाथ सिंह के दो संग्रहों ‘लोग बिस्तरों पर’ और ‘सुबह का डर’ से शामिल कहानियों की इस एक जिल्द में ‘बैलून’ जैसी प्रेम कहानी है तो मौत के प्रति चिन्ता और चिन्तन के खोखलेपन से पर्दा हटाती ‘चायघर में मृत्यु’ जैसी कहानी भी। ‘आखिरी रात’ में दाम्पत्य जीवन के आर्थिक तनाव की कथा है ‘अपने घर का देश’ में बदलते मूल्यों का गहन अंकन तो निरन्तर छीजती संवेदना का एक त्रासद रूप रचती पुस्तक की शीर्षक कहानी ‘लोग बिस्तरों पर’। न काशीनाथ सिंह का यह कहानी-संग्रह महत्त्वपूर्ण ही नहीं अपने समय की एक दस्तावेज़ भी है।.
downArrow

Details