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About The Book
Description
Author
कोरोना महामारी ने भारत समेत पूरे विश्व को झकझोरने का काम किया। इस महामारी ने लाखों-करोड़ों लोगों के सपनों को तबाह किया है लाखों लोगों के अपनों को परिवार से छीना लिया है। जब साहित्य देश में सत्ता पक्ष और विपक्ष को देखकर लिखा जाता है तो तत्स्थ इतिहास का रूप नहीं ले सकता। त्रासदी का दौर कोरोना काल की ऐसी ही पीड़ा का सच है जिसको आम जन जीवन ने अनुभव किया। इस किताब की कविताएं कोरोना काल के उस सच को उजागर करती हैं जिसे छिपाया गया है। साथ ही यह काव्य संग्रह उन चेहरों की सराहना भी करती है जिन्होंने इस दौर में देवदूत बनकर समाज हित में कार्य किए हैं। यह किताब आने वाली पीढ़ी के लिये एक प्रमुख दस्तावेज साबित हो सकती है जिसने कोरोना काल को हर तरह से आसान शब्दों में अंकित करने का प्रयास किया है।