TUM BHI

About The Book

आशीष की कविताओं में इनकी स्वयं की उपस्थिति है किसी अन्य कवि की छाया नहीं है। यह कवि अपने पांव से चलना चाहता है किराए के पांव पर नहीं । आजकल कविताओं में एक सा पन दिखता है मगर आशीष की कविताएं इससे मुक्त हैं। एक सा पन सफल उत्पाद की विशेषता हो सकती है सृजन की नहीं । कवि का अपना व्यक्तित्व होता है अगर उससे एक व्यक्ति भी प्रभावित होता है तो यह काफ़ी है । यही रचना की सफलता होती है । रचना का आकलन आज नहीं तो कल होगा इसलिए कभी को भवभूति की तरह लिखना चाहिए । आशीष की कविताओं में अपने शहर का स्वभाव ही नज़र आता है। इन कविताओं में इनका अपना चेहरा दिखता है।---जय कुमार जलज
Piracy-free
Piracy-free
Assured Quality
Assured Quality
Secure Transactions
Secure Transactions
Delivery Options
Please enter pincode to check delivery time.
*COD & Shipping Charges may apply on certain items.
Review final details at checkout.
downArrow

Details


LOOKING TO PLACE A BULK ORDER?CLICK HERE