ऊंची इमारतें खड़ी हो गईं घर के आसपास सुबह की पहली किरण अब देख पाती नहीं। -प्रियंका रस्तोगी प्रियंका समकालीन कवयित्रियों में एक उभरती हुई प्रतिभाशाली रचनाकार हैं जिन्होंने स्त्री-सशक्तिकरण अध्यात्म प्रेम वीर रस और मानवीय संवेदना पर अपनी लेखनी चलाई है। इनकी कविताओं में हृदय को स्पर्श कर लेने वाली भावनाओं की भावपूर्ण झलक मिलती है; साहित्य-समंदर की गहराइयों से लेकर उन्मुक्त-आकाश की ऊंचाइयों तक शब्द मुक्तकों को पिरोने वाली प्रियंका को शुभकामना ! -डॉ. रोहित रस्तोगी
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