Tum Sun Rahi Ho Na Dharti (Gazals & Poems)


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About The Book

ये जो ग़जलें और कविताएँ आप उलट-पलट रहे हैं बेहद खास हैं इसलिए नहीं क्योंकि इन्हें मैंने लिखा है बल्कि इसलिए कि ये अपने देश काल और परिस्थितियों से गहरे से जुड़ी हैं। सिर्फ जुड़ी ही नहीं हैं बल्कि उन्हीं के गर्भ से जन्मीं भी हैं। ये उस जन-सामान्य की कविताएँ हैं जो मुल्क के चप्पे चप्पे में मिल जाएँगे उनका प्यार उनकी चिंता उनकी खीज और उनकी टूटती बिखरती हसरतों को पकड़ कर मैंने शब्दों में ढालने की कोशिश की है। इतिहास सिर्फ वही नहीं होता जिसे इतिहासकार लिखते हैं। हर रचना अपने समय का जीवंत इतिहास होती है। वह अपने समय के महत्वपूर्ण तथ्यों को यथावत तो प्रस्तुत नहीं करती लेकिन उसे आत्मसात कर अपने ढंग से बयान करती है। उसमें वह देश काल दिल की तरह धड़कता है जिसमें उसका अंकुरण हुआ है जिसमें वह काग़ज पर अवतरित हुई है। इस दृष्टि से यदि मैं इन ग़जलों और कविताओं को बीते एक दशक का इतिहास कहूँ तो अतिशयोक्ति न होगी। इनमें आपको वे सभी पात्र घटनाएँ और प्रहसन मिल जाएँगे जो इस ‘रंगसमय’ में ‘मंचित’ हुए हैं। इसलिए यह भी कहा जा सकता है कि ‘काव्य’ इतिहास की भावनात्मक प्रस्तुति है।--आनंद क्रांतिवर्धन
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