UBAD KHABAD SAFAR: GAON SE MAHANAGAR


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About The Book

*****उबड़ खाबड़ सफ़र (गाँव से महानगर)***** पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के गाँव बरला में 1961 में जन्में आर के पालीवाल नें प्रारंभिक शिक्षा गाँव में पूरी की! मेरठ विश्वविद्यालय से एम एस सी वनस्पति विज्ञान एम फिल और पी एच डी की! पालीवाल हिंदी साहित्य के प्रतिष्ठित लेखक हैं! उनके दो उपन्यास अंग्रेज कोठी और बाँसपुर की उत्तर कथा छह कहानी एवं व्यंग्य संग्रह कविता संग्रह देवदारों के बीच प्रकाशित हो चुके हैं! आयकर पर उनकी किताब भारत सरकार द्वारा पुरस्कृत है! उनका नाम देश के वरिष्ठ गाँधी विचारक और समाजसेवी के रूप में भी सम्मान के साथ लिया जाता है! गाँधी पर उनकी कृति गाँधी जीवन और विचार सहज सरल भाषा में लिखी गाँधी की संक्षिप्त समय आत्मकथा है! अहीर कॉलेज रिवाड़ी में दो वर्ष प्रवक्ता और भारतीय वन सेवा (आई एफ एस) में दो वर्ष की सेवा के बाद पिछले तीन दशक से ज्यादा समय से भारतीय राजस्व सेवा (आई आर एस) के दौरान पालीवाल देश के विभिन्न प्रदेशों के कई शहरों में पदस्थ रहे हैं और वर्तमान में प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त के पद पर आसीन हैं! प्रकृति प्रेमी पालीवाल समग्र ग्राम विकास और जैविक खेती अभियान से गहरे जुड़े हैं! उन्होंने गुजरात मध्यप्रदेश उत्तरप्रदेश और तेलंगाना के चार गाँवों को आदर्श गाँव बनाने में अग्रणी भूमिका निभाई है! पालीवाल द्वारा लंबे शोध के बाद लिखे नाटक कस्तूरबा और गाँधी की चार्जशीट कई नाट्य संस्थाओं द्वारा मंचित हो रहे हैं! उबड़ खाबड़ सफर (गाँव से महानगर) उनके जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं एवं लंबे प्रशासनिक साहित्यिक और समाजसेवी अनुभवों के रोचक संस्मरणों का संग्रह है!
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