इस पुस्तक के विषय में कमलेश्वर ने लिखा है कि यह एक बेहद रोचक उपन्यास है जिसे मैंने कई बार पढ़ा है और हर बार इसकी कहानी पहले से ज्यादा रोचक लगी है। इसकी प्रमुख पात्र कुमुद है और उपन्यास की कहानी इसी के ईर्दगिर्द घूमती है।. About the Author हंसराज रहबर हिन्दी और उर्दू के महत्त्वपूर्ण लेखक कवि और आलोचक थे। आजादी के बाद इन्होंने इतिहास में एमए किया। आजादी की जंग में भाग लेने के कारण वह कई बार जेल गए। उनके बीस उपन्यास दस कहानी-संग्रह और समीक्षा व आलोचना की सत्रह पुस्तकें प्रकाशित हुईं हैं।.
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