यह पुस्तक उर्दू भाषा और साहित्य के प्रारंभिक काल का गहन विश्लेषण प्रस्तुत करती है। लेखक ने उर्दू के उद्भव विकास और साहित्यिक परंपराओं पर प्रकाश डाला है विशेष रूप से गुजरात और दकन क्षेत्रों में इसके प्रारंभिक साहित्यिक योगदान पर। इसके अतिरिक्त अमीर खुसरो और संस्कृत साहित्य की भूमिका दिल्ली और लखनऊ स्कूल की साहित्यिक विशेषताएँ और उस्तादी-शागिर्दी परंपरा जैसे विषयों पर भी विस्तृत चर्चा की गई है।
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