URMILA: Sita ki Behan ki Gatha


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About The Book

विवाह में उर्मिला की अधिक रूचि नहीं थी लेकिन यह एक सामाजिक अनुशासन था जिसका पालन उसे भी करना होगा। वह विवाह करने की अपेक्षा ज्ञान अर्जन करना अधिक पसंद करेगी। निश्चित रूप से रामायण का जिक्र होते ही हम सभी के मन में राम सीता लक्ष्मण भरत कौशल्या रावण मंदोदरी यहां तक कि कैकेयी और मंथरा के चरित्र आते हैं। लेकिन इस पुस्तक में वैसी परिकल्पना नहीं है यह कहानी है उर्मिला की - सीता की बहन और इस महाकाव्य में सबसे उपेक्षित चरित्रों में से एक। जब सीता ने वनवास के लिए जाने की तैयारी की तो उसकी छोटी बहनें अयोध्या के उस अभिशप्त महल में ही रहीं। उनकी मुस्कुराहटें आशाएं और आनंद एक ही झटके में तिरोहित हो गए। परंतु अपार शक्ति और द़ृढ़ निश्चय वाली उर्मिला दुख और आंसुओं से भरी इस परिस्थिति में भी अडिग खड़ी रही। उसके पति लक्ष्मण ने अपने भार्इ राम के साथ वन में जाने का निर्णय किया था। उर्मिला भी लक्ष्मण के साथ वन में जाने की ज़िद कर सकती थी जैसा कि सीता ने किया था लेकिन उर्मिला ने ऐसा नहीं किया। आखिर क्यों उर्मिला ने महल में ही रहने और पीड़ादायक चौदह वर्षों तक अपने पति की प्रतीक्षा करते रहने की सहमति दी? जानिये उर्मिला के द़ृष्टिकोण से कही गयी इस दिलचस्प कहानी में।.
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