इस संकलन की रचनाएँ सोद्देश्यपूर्ण संदेशात्मक नैसर्गिक प्रेम की अविरल धारा बहाने वाली इंद्रधनुषी कलेवर में साहित्य के नौ रसों से सराबोर सप्त सुरीली जीवन जीने की सार्थकता को उद्धवेलित करने वाली अंतर्मन के अतल- पतल और सुतल को स्पर्श करती हुई सागर की लहरों की तरह अंतरिक्ष का आचमन करती हैं । राष्ट्रीय एवं अन्तराष्ट्रीय स्तर पर हिंदी को मर्यादित एवं मंडित करती है । शीर्षक की सार्थकता के साथ ही उनमें अध्यात्म है लयधा भक्ति है प्रकृति का ललाम है जीवन को एक एक पल जीने की ललक है मन से मनमोहन का अनिवर्चनीय प्रेम है जो मीरा के जीवन दर्शन में सम्मोहित है ।
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