यह एक ऐसा ह्दयस्पर्शी उपन्यास है जो लोगों को सोचने को मजबूर करता है कि आज के युग में भी कितने भोले लोग मिल जाते हैं जो भगवान को देखने के चक्कर में अपने शरीर ही नहीं आत्मा को भी पाखंडियों के हवाले कर देते हैं। इस उपन्यास की भाषा शैली अत्यंत ही रोचक है| About the Author राजेन्द्र अवस्थी हिंदी के प्रख्यात पत्रकार और लेखक थे। उनका जन्म मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले के ज्योतिनगर गढा इलाके में हुआ था। वे नवभारत सारिका नंदन साप्ताहिक हिन्दुस्तान और कादम्बिनी के संपादक रहे। उन्होंने अनेक उपन्यासों कहानियों एवं कविताओं की रचना की। वह ऑथर गिल्ड ऑफ इंडिया के अध्यक्ष भी रहे। दिल्ली सरकार की हिन्दी अकादमी ने उन्हें 1997-98 में साहित्यिक कृति से सम्मानित किया था|
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